श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – अठार उपसंहारः संन्यासको पूर्णता अर्जुन उवाच संन्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् । त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥१॥ ...
Read More »œ::» श्रीमद्भागवतगीता सार
Feed Subscriptionश्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप सत्रौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – सत्र श्रद्धाका प्रकार अर्जुन उवाच ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः । तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप सोह्रौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – सोह्र दैवी तथा आसुरी स्वभाव श्रीभगवानुवाच अभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः । दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम् ॥१॥ अहिंसा सत्यमक्रोधस्त्यागः ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप पन्ध्रौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – पन्ध्र पुरुषोत्तम योग श्रीभगवानुवाच ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् । छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ॥१॥ (भगवान्ले ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप तेह्रौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – तेह्र प्रकृति, पुरुष र चेतना अर्जुन उवाच प्रकृतिं पुरुषं चैव क्षेत्रज्ञमेव च । एतेद्वेदितुमिच्छामि ज्ञानं ज्ञेयं ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप चौधौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – चौध प्रकृतिका तीन गुण श्रीभगवानुवाच परं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानं ज्ञानमुत्तमम् । यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप बाह्रौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – बाह्र भक्तियोग अर्जुन उवाच एववं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते । ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥१॥ (एकथरी ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप एघारौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – एघार विराट स्वरूप अर्जुन उवाच मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् । यत्वयोक्तं वचस्तेन मोहोयं विगतो मम ॥१॥ (अर्जुनले ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप दशौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – दश भगवानको ऐश्वर्य श्रीभगवानुवाच भूय एव महाबाहो श्रृणु मे परमं वचः । यत्तेहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया ॥१॥ (भगवानले ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप नवौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – नौ परमगोपनीय ज्ञान श्रीभगवानुवाच इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे । ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेशुभात् ॥१॥ (भगवानले भन्नुभयो – ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप आठौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – आठ भगवतप्राप्ति अर्जुन उवाच किं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम । अधिभूतं च किं प्रोक्तर्माधदैवै किमुच्यते ॥१॥ ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप सातौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – सात परम-ज्ञान श्रीभगवानुवाच मय्यासक्तमनाः पार्थ योगं युञ्जन्मदाश्रयः । असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु ॥१॥ (भगवानले ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप छैठौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – छ ध्यानयोग श्रीभगवानुवाच अनाश्रितः कर्मफलं कार्य कर्म करोति यः । स संन्यासी च योगी च न निराग्निर्न चाक्रियः ...
Read More »श्रीमद्भगवद्गीता सारसंक्षेप पाँचौँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद संस्थापकाचार्यः अन्तर्राष्ट्रिय कृष्णभावनामृत संघ अंग्रेजी नेपाली रूपान्तर नारायणप्रसाद अधिकारी ‘वादरायण’ अध्याय – पाँच कर्मयोग (कृष्णभावनामय कर्म) अर्जुन उवाच संन्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर्योगं च शंससि यच्छ्रेय एतयोरेकं तन्मे ब्रुहि सुनिश्चितम् ...
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